Friday, March 18, 2016

oh my god


भरी दोपहरी 
तेज धूप 
पत्थर की सिल्लियाँ 
ये रोज़ का नज़ारा है 

आप की आप जानों 
ये तो बस 
मेरा गुजारा है। 

Friday, March 11, 2016

purple sunbird



फूलों का रस चूसने वाली भारत की छोटी चिड़ियों में शुमार है यह.
शकरखोरा के नाम से प्रसिद्ध यह चिड़िया कई प्रजातियों के साथ भारत में मौजूद है.

Nectarinia asiatica (Latham) is zoological identity of the bird


Wednesday, March 2, 2016

Thursday, June 5, 2014

Event On World Environment Dat

Vadodara News Magazine produced an event on the occasion of
World Environment Day
Founder Birds Watching Group Mr Rajesh Ghotikar (Ratlam, M.P.) attended the event
Environmentalist Mr Mohanbhai Patel ( Vadodara) also ensured his presence

the place was
BIRD CIRCLE, Vadodara, Gujrat in INDIA

scheduled time 6:00 AM

please refer to photographs

Raise your Voice
Not the Sea Level
was announced by MR Rajesh Ghotikar on the occasion







Wednesday, March 19, 2014

अपनी आवाज़ उठाईये , समुद्र तल को ऊंचा उठाने से बचाईये

अ ग्लोबल वार्मिंग अवेयरनेस एफर्ट
रतलाम।  २१ मार्च को विश्व वानिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है।  बर्ड्स वाचिंग ग्रुप द्वारा आधुनिक संचार माध्यमो पर इस बाबत सन्देश प्रचारित किए गए है।
पर्यावरण के इस महत्वपूर्ण दिवस के परिप्रेक्ष्य में ग्लोबल वार्मिंग के प्रति " अपनी आवाज़ उठाईये , समुद्र तल को ऊंचा उठने से बचाईये" का सन्देश प्रचारित हो , उक्त मंतव्य ग्रुप के संस्थापक श्री राजेश घोटीकर ने प्रकट करते हुए बताया कि इंटरनेशनल पेनल ऑन क्लाइमेट चेंज ने ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से आगाह करते हुए बताया है कि छोटे छोटे द्वीपों के लिए समुद्र तल  में वृद्धि व्यापक गम्भीर परिणाम उत्पन्न करेगी।  समुद्र तल  में वृद्धि के परिणामो में समुद्र तटीय क्षेत्रों में बाढ़ , तूफ़ान एवं ज्वार के गम्भीर परिणाम जन जीवन पर असर डालेंगे।
वैश्विक परिणामो के प्रति आवाज़ बुलंद करने के मायने स्पष्ट करते हुए श्री घोटीकर ने युनाइटेड नेशंस के जनरल सेकेटरी श्री बान कि-मून के शब्दो में बताया कि "भले आपको अपना निजी प्रयास छोटा महसूस हो मगर सामूहिक परिणामो में करोडो लोगो की आवाज़ के स्वरुप में यह परिवर्तनो के लिए अनिवार्य है।
संचार के आधुनिक साधनो का उपयोग कर, संस्थाओ , विद्यालयो आदि में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर "अपनी आवाज़ उठाईये , समुद्र तल को ऊंचा उठने से बचाईये"

Tuesday, July 23, 2013

महाराष्ट्रीयन अंतिम संस्कार विधि साठी सामानाची यादी



पुरुष

३ बांसाच्या किमडया
२ दोरि बण्डल
३ छोटे माठ
५ चारा पिंड्या
५ कंडे
१ चंदनाची खोड़
१ उदबत्तीचा पुडा
१ आगपेटी
kg गव्हाचा आटा
२५० gm तूप
१०० gm गुलाल
१०० gm काऴ तिल
१०० gm जव
हार फूल ………… घरातल्या माणसा पुरत्या
पांढ़रा कपड़ा ६ मीटर
१ धोतर 
१ ज़ोड़ जान्व ( जनेऊ )
१ शाल

बायकांसाठी
विधवा बाई
३ बांसाच्या किमडया
२ दोरि बण्डल
३ छोटे माठ
५ चारा पिंड्या
५ कंडे
१ चंदनाची खोड़
१ उदबत्तीचा पुडा
१ आगपेटी
kg गव्हाचा आटा
२५० gm तूप
१०० gm गुलाल
१०० gm काऴ तिल
१०० gm जव
हार फूल ………… घरातल्या माणसा पुरत्या
पांढ़रा कपड़ा ६ मीटर
१  पांढ़री साडी + चोळी

सवाष्ण बाई
३ बांसाच्या किमडया
२ दोरि बण्डल
३ छोटे माठ
५ चारा पिंड्या
५ कंडे
१ चंदनाची खोड़
१ उदबत्तीचा पुडा
१ आगपेटी
kg गव्हाचा आटा
२५० gm तूप
१०० gm गुलाल
१०० gm काऴ तिल
१०० gm जव
हार फूल ………… घरातल्या माणसा पुरत्या
पांढ़रा कपड़ा ६ मीटर
१ हिरवी साडी ( अन्यथा हिरव्या बॉर्डर ची सुद्धा चालेल ) + चोळी
८ हिरव्या बांगड्या
२ जोडवी  
१ क़ाली पोत
१ वेणी
१ विडा
१ नारळ
हल्दी + कुंकू

अस्थि संचय तीसरया दिवशी
(रात्रि २.३ पर्यन्त पहिला दिवस मानायचा )
मंगल, शनीवार व अमावस्या ला नाही करत

उपरोक्त पद्धति डोळे काकां कडून लिहून लावल्या आहे

सुझाव किवा संशोधन आमंत्रित आहेत 

Tuesday, June 4, 2013

बर्ड्स वाचिंग ग्रुप ने जैव विविधता रिपोर्ट जारी की

रतलाम!
पर्यावरण दिवस के परिप्रेक्ष्य में बर्ड्स वाचिंग ग्रुप ने जिले में आने वाले पक्षियों पर अपनी रिपोर्ट जारी की है। ग्रुप के संस्थापक राजेश घोटीकर ने बताया कि जिले की जैव विविधता में व्यापक परिवर्तन देखने में आया है। शीत ऋतु में दिखलाई देने वाले पक्षी इस वर्ष कम आए परन्तु गर्मी के दिनों में सतही जल की मौजूदगी ने अनेकों जलीय पक्षियों को जिलें में आकृष्ट किया।
ललमुंही सारस, धुंगिल, चकवा, चिमटा चंचु के साथ बड़ी संख्या में मंडुक व करानकुल ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
आमतौर पर नजर आ जाने वाली गुलदुम, कोयल, मछरंगा, कौडियाला, शकरखोरा की संख्या में कमी रही खान्तिया भी इस बार संख्या में कम आए।
फ्लैम बेक वुडपेकर, मरहठा कठफोडवा, लायबर तोता, टुइयाँ तोता के आवासीय क्षेत्रों में सिकुडन महसूस की गई जबकि गौरेया, धोबन, खंजन एक बार पुनः विस्तार पाते नजर आए।
सैलाना, शुजापुर, बांगरोद, जड़वासा, सज्जनमिल, करमदी तथा अमृतसागर क्षेत्र में जलीय पक्षी बड़ी संख्या में दिखलाई देते रहे।
हालांकि प्रकृति के स्वास्थ्य सुधार में तालाब निर्माण एवं गहरीकरण का व्यापक असर दिखाई देने लगा है फिर भी पौधारोपण और हरियाली बचाने की आवश्यकता है।
बर्ड्स वाचिंग ग्रुप द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में पशु पक्षियों के दानापानी के प्रति संवेदनशीलता का अभाव महसूस किया गया।
पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में ग्रुप की बैठक आयोजित की गई जिस में ग्रुप के सुनील लाखोटिया, मुकेश शर्मा, भूपेश खिलोसिया, भारत गुप्ता आदि उपस्थित थे।