Sunday, March 1, 2009

ठण्ड को विदाई

दे रहा ठण्ड को विदाई
लोट रहा बरफ पर
गर्मी के आयेंगे दिन
यही सोच पटक रहा सर
इंसान भी क्या चीज़ बनाया भगवान् ने
तोड़ दिया हमारा घर
रख पिजरे मे होता खुश वो
तांडव से पार पा न सका मगर


4 comments:

Shamikh Faraz said...

bahut achhi kavita hai. personification bahut sundar hai

Shamikh Faraz said...

waqt nikalkar mera blog b dekhen

seema gupta said...

" amezing........."

regards

seema gupta said...

आपको परिवार सहित होली की हार्दिक शुभकामनाएं.

regards