भारत मे पर्यटन की सांस्कृतिक महत्ता है। ग्रीष्मकाल की तीव्र तृष्णा मे सुकून के दो पलों की चाहत जहाँ सभी को सदाबहार वनों की और आकृष्ट करती है वहीं बड़ी जल राशि की मौजूदगी मन को राहत देती है।
बर्ड्स वाचिंग ग्रुप के संस्थापक श्री राजेश घोटीकर ने बताया की इस वर्ष पर्यावरण संदेश एवं जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पर्यावरण पर्यटन का कार्यक्रम ग्रुप के विभिन्न दलों द्वारा आयोजित किया गया है । एक दल हिमालय की गोद मे नदी के उद्गम स्थल का दौरा कर वापस लौटने को है वहीं तमिलनाडु गए दल द्वारा नदियों के समुद्र से मिलन स्थल का दौरा किया जाना है यह दल पक्षी तीर्थ का दौरा भी करेगा साथ ही पर्यटन की अपेक्षा मे समुद्र तट सौन्दर्य की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगा ।
दक्षिण भारत के दौरे पर गए दल मे ग्रुप अध्यक्ष भारत गुप्ता , तुषार कोठारी, नरेन्द्र शर्मा , सुभाष नायुडू , कमलेश पाण्डेय, उदित अग्रवाल शामिल है तो उत्तरांचल का दौरा श्री अशोक पीपाडा एवं श्रीमती सरिता पिपाडा के नेतृत्व मे किया जा रहा है दल की सदस्य संख्या लगभग ६८ है ।
श्री घोटीकर ने बताया की नदियों के उद्गम से समुद्र मे संविलयन के द्रश्यों के अतिरिक्त प्राकृतिक छटाओं का अंकन अपने स्मृति पटल पर अंकित कर दोनों ही दल ११ जून को वापस रतलाम लौटेंगे ।
भारतीय पर्यावास और प्रकृति को समर्पित इन दोनों प्रवासों का अभिप्राय प्रदेश मे निर्मित हुए गहराते जल संकट के प्रति चेतना जगाना है ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment