Tuesday, June 4, 2013

बर्ड्स वाचिंग ग्रुप ने जैव विविधता रिपोर्ट जारी की

रतलाम!
पर्यावरण दिवस के परिप्रेक्ष्य में बर्ड्स वाचिंग ग्रुप ने जिले में आने वाले पक्षियों पर अपनी रिपोर्ट जारी की है। ग्रुप के संस्थापक राजेश घोटीकर ने बताया कि जिले की जैव विविधता में व्यापक परिवर्तन देखने में आया है। शीत ऋतु में दिखलाई देने वाले पक्षी इस वर्ष कम आए परन्तु गर्मी के दिनों में सतही जल की मौजूदगी ने अनेकों जलीय पक्षियों को जिलें में आकृष्ट किया।
ललमुंही सारस, धुंगिल, चकवा, चिमटा चंचु के साथ बड़ी संख्या में मंडुक व करानकुल ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
आमतौर पर नजर आ जाने वाली गुलदुम, कोयल, मछरंगा, कौडियाला, शकरखोरा की संख्या में कमी रही खान्तिया भी इस बार संख्या में कम आए।
फ्लैम बेक वुडपेकर, मरहठा कठफोडवा, लायबर तोता, टुइयाँ तोता के आवासीय क्षेत्रों में सिकुडन महसूस की गई जबकि गौरेया, धोबन, खंजन एक बार पुनः विस्तार पाते नजर आए।
सैलाना, शुजापुर, बांगरोद, जड़वासा, सज्जनमिल, करमदी तथा अमृतसागर क्षेत्र में जलीय पक्षी बड़ी संख्या में दिखलाई देते रहे।
हालांकि प्रकृति के स्वास्थ्य सुधार में तालाब निर्माण एवं गहरीकरण का व्यापक असर दिखाई देने लगा है फिर भी पौधारोपण और हरियाली बचाने की आवश्यकता है।
बर्ड्स वाचिंग ग्रुप द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में पशु पक्षियों के दानापानी के प्रति संवेदनशीलता का अभाव महसूस किया गया।
पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में ग्रुप की बैठक आयोजित की गई जिस में ग्रुप के सुनील लाखोटिया, मुकेश शर्मा, भूपेश खिलोसिया, भारत गुप्ता आदि उपस्थित थे।