Friday, March 18, 2016

oh my god


भरी दोपहरी 
तेज धूप 
पत्थर की सिल्लियाँ 
ये रोज़ का नज़ारा है 

आप की आप जानों 
ये तो बस 
मेरा गुजारा है। 

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