हम जानते हैं के धरती की गौद में अनेकों जीव बसते हैं । हम मनुष्य धरती के सर्वाधिक समृद्ध एवं शक्तिशाली जीव हैं । दिमागदार होने का अर्थ तो ये होना चाहिए था कि समस्त जीवों का रक्षण हम करें परन्तु साम्राज्य स्थापित करने कि होड़ में जबकि इंसानों के कबीले बनने लगे तो स्वाभाविक ही था कि इंसानों कि जरूरते पूरी होने में जीव रक्षा गौण हो जाए ।
आओ पर्यावरण का रक्षण करें ताकि हमारा मानव जीवन सफल हो जाए ।
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