सडकों पर यो तो आये दिन दुर्घटना घटती रहती है मगर रतलाम जिले मे वन्य प्राणियों की मृत्यु के मामले कम होते हैं । विगत १० वर्षों के आंकड़े देखे तो सियार की दुर्घटना ट्रक या अन्य वाहनों से होती रही मगर अनुभव यह रहा की ये सभी रतलाम उज्जैन रोड पर बडनगर के पास देखी गई और वे सभी उज्जैन जिले से सम्बंधित रहीं । आज सवेरे ग्रुप सदस्य नरेंद्र शर्मा ने बताया कि जावरा कि तरफ जाने वाली सड़क पर शायद लकड़बघ्घा मृत पडा है ।बड़े आश्चर्य कि बात है कि यहाँ बड़ी सवेरे कि बेला मे सड़क पार करते वक्त यह लकड़बघ्घा ट्रक कि चपेट मे आया और उसके मुह पर पहिया फिर गया। मौका मुआयना करने पर पाया कि पेट्रोल पम्प के सामने खेत से निकल कर जब लकड़बघ्घा सड़क पर आया होगा तब वह सड़क पार करते वक्त जावरा कि ओर जाने वाली फोरलेन कि बायीं और से जा रहे वाहनों कि रफ़्तार को समझ नहीं पाया ओर चपेट मे आ गया ।तहकीकात करने पर पास कि ढाबा मालकिन संतोष ने बताया कि सवारे नीलगाय का पीछा करते हुए यह जरक सड़क पर आ गया था ।वन विभाग को सूचित किए जाने पर एक दल ने उसका पोस्टमोरटम कराया और अंतिम संस्कार किया । लगभग ४ बरस के इस indian striped hyna कि उपस्थिति वन विभाग को ज्ञात थी । गाँव के लोग इस वरगडा के नाम से भी जानते हैं ।
Friday, January 21, 2011
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